Contents
- बर्फ पिघलने से बढ़ेगी आतंकी तपिश
- हकीकत से दूर चुनावी विशेषज्ञ
- नवोन्मेषक मौजूद, निवेशक नदारद
- बेमानी विरोध
- अदालतों की कार्यवाही सीधे देखने का अधिकार
- आतंकी हमले के समाचार प्रसारण में ब्रिटिश मीडिया की भूमिका लाजवाब
- नई अर्थव्यवस्था में बाजार की शक्ति का असर
बर्फ पिघलने से बढ़ेगी आतंकी तपिश
सन्दर्भ:
कश्मीर घाटी और भारत-पाकिस्तान संबंध
हकीकत से दूर चुनावी विशेषज्ञ
सन्दर्भ:
विशेषज्ञों के आकलन और एक्जिट पोल में विरोधाभास का क्या कारण हो सकता है? आकलन की गलत पद्धति या फिर दल विशेष के प्रति दुराग्रह?
नवोन्मेषक मौजूद, निवेशक नदारद
सन्दर्भ:
केंद्रीय विज्ञान और तकनीक विभाग की ओर से सार्वजनिक और निजी भागीदारी में 2007 से चलाए जा रहे ‘भारत नवोन्मेष विकास कार्यक्रम’ (इंडिया इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम) में दस साल में मात्र चार सौ नवोन्मेषकों को मदद दी जा सकी और साढ़े तीन सौ वाणिज्यिक समझौते हुए।
बेमानी विरोध
सन्दर्भ:
जहां तक तवांग पर चीन की नजर का सवाल है, अब तक विवाद का मुख्य बिंदु एक तरह से यही रहा है।
अदालतों की कार्यवाही सीधे देखने का अधिकार
सन्दर्भ:
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है कि अदालतों में कैमरे लगाए जाएं। इससे जनता अदालतों की कार्यवाही को देख सकेगी। कई विकसित देशों में इस तरह की अनुमति नहीं है, लेकिन हमारे देश में इसकी लंबे समय से मांग हो रही है। यह फैसला नागरिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
आतंकी हमले के समाचार प्रसारण में ब्रिटिश मीडिया की भूमिका लाजवाब
सन्दर्भ:
किसी आतंकी घटना की रिपोर्टिंग के मामले में यह अच्छी पत्रकारिता का एक शानदार नमूना था जिसे भारतीय टेलीविजन चैनलों के लिए भी अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए।
नई अर्थव्यवस्था में बाजार की शक्ति का असर
सन्दर्भ:
हमें प्रतिस्पर्धा कानून में आक्रामक मूल्य निर्धारण की अवधारणा का विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि इन हालात से निपटा जा सके। इसके लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और प्रतिस्पर्धा अधिनियम पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता होगी।